Rajani katare

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डायरी ---- भाग - 2 हलचल ऐ जनवरी

लेखनी डायरी चैलेंज
विषय- जनवरी
शीर्षक- हलचल ए जनवरी

वर्ष का अंतिम दिन और शुरुआत 1 जनवरी जो हर्ष उल्लास से मनाया जाता है... पर कभी कभी 
ऐसा कुछ हो जाता है जिससे दिल दहल जाता है...
जिसकी यादें भुलाए नहीं भूलती......

एक तो कोराना का कहर जो पिछले वर्ष आया था 
यानी 2020 में जिसने ऐसा कहर मचाया जो वर्ष 
2021 में भी बरकरार रहा, लोगों के दिलों से दहशत 
गयी नहीं,उसी के साये में इंसान जी रहा है......

फिर हुआ कृषकों के साथ अन्याय, जिसने कृषकों 
को भड़का दिया...... जिसके फलस्वरूप कृषक 
आंदोलन ने वृहद रुप अख्तियार कर लिया......

किसानों को इस बात का डर भी सता रहा है कि,
 इससे निजी कंपनियों को फ़ायदा होगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य के ख़त्म होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ेंगी... किसानों को सबसे बड़ा डर न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म होने का है.... इस बिल के जरिए सरकार 
ने कृषि उपज मंडी समिति, यानी मंडी से बाहर भी 
कृषि कारोबार का रास्ता खोल दिया है....
गाँव में यह फ़ैसला कर लिया गया है कि प्रदर्शन तब 
तक वापस नहीं लिया जाएगा.... जब तक सरकार 
क़ानून को को वापस नहीं लेती.......

बाकी शुरु का ये महिना- हमारे भारतीय त्यौहारों 
की शुरुआत कर देता है.... वर्ष का पहला त्यौहार
मकर संक्रांति का है....
धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से इस दिन पुण्य 
सलिला नदी में... स्नान, दान पुण्य करने का महत्व 
हजार गुना होता है....
मकर संक्रांति हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में 
से एक है... मकर संक्रांति का जितना धार्मिक महत्व 
है, उतना ही वैज्ञानिक महत्व भी है...ऐसा कहा जाता 
है कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का योग बनता है...लेकिन इसके अलावा भी 
कई सारे बदलाव आते है... मकर संक्रांति का संबंध 
केवल धर्म से ही नहीं... अपितु वैज्ञानिक जुड़ाव के साथ-साथ कृषि से भी जुड़ाव रहता है.....
इस दिन तिल, ज्वार, बाजार के आटे से गुड़ के मिष्ठान बनाए जाते हैं...तिल के लड्डू का तो विशेष महत्व है
इन लड्डुओं का दान करना चाहिए...इसके अलावा 
मूंग दाल, चावल की खिचड़ी का भी इतना ही महत्व 
है... खिचड़ी का भी दान करना चाहिए.....
मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाता है.....
ज्योतिष शास्त्र में संक्रांति का शाब्दिक अर्थ सूर्य या 
किसी भी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश 
या संक्रमण बताया गया है.... मकर संक्रांति पर्व 
भगवान सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का 
संधि काल है......
सबसे खुशी की बात यह मेरा लेखन कार्य भी इसी 
माह से जोर पकड़ा, परिष्कृत हुआ, अन्य विधाओं
की जानकारियां हासिल हुयीं, सम्मान भी मिले....
ईश्वर से प्रार्थना है मेरा साहित्यिक सफ़र हमेशा यूं 
ही चलता रहे...।

🙏🌹जय श्री कृष्णा🌹🙏
 
       --: रजनी कटारे:--
           जबलपुर म.प्र.

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1 Comments

Seema Priyadarshini sahay

04-Jan-2022 01:57 AM

सुंदर👌👌

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